RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Thursday, November 10, 2011
प्यार के नगमे
दिल से निकले सुरों को
मिल जाती है जब जुबान
धड़कने तब बन जाती है साज
संगीत की इस मधुर राग से
फिर बरसने लगती है
प्यार भरे नगमों की बरसात
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