RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Wednesday, November 2, 2011
डर
कुछ कहने से दिल ये डरता है
पर बिन धड़कन ये धडकता है
प्यार मिले या ना मिले
पर ठंडी आहें भरता है
चाहत ऐसी
बिन साँसे भी ये मचलता है
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment