RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Wednesday, October 12, 2011
हमारी याद
जलता रहा विरह अग्नि में
पूरी हुई ना मिलन की आस
लुट गया चैन ओ अमन
पर आयी नहीं उनको हमारी याद
बिखर गया सपना
टूट गयी साँसों की रफ़्तार
जलता रहा विरह अग्नि में
पर आयी नहीं उनको हमारी याद
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