RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Saturday, September 24, 2011
खामोश आँखे
खामोश आँखे ढूंड रही साँसे
साज मिले सुर से
कह रही साँसे
टूटे दिल को मिले प्यार भरी राहें
कह रही साँसे
बेकरार दिल तलाश रहा बाहें
खामोश आँखे ढूंड रही साँसे
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