RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Monday, September 19, 2011
सवाल
जिन्दगी कई बार कई सवाल करती है
जबाब मगर ह़र बार अधूरे मिलते है
क्योंकि दिल सच्चाई को स्वीकार करता नहीं
ओर मष्तिष्क दिल की बात अनसुनी करता नहीं
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