चिर शैया पर लेटी
अंतिम साँसे गिन रही जिन्दगी
गुजर गया ह़र वो पल वो लहमा
ललक थी जिसमे जीने की
अब तो सपना बन रह गयी जिन्दगी
बस कुछ पल की मेहमा रह गयी जिन्दगी
अनंत निंद्रा में विचरण
व्याकुल हो गयी जिन्दगी
झलक जीवन की दूर हो गयी जिन्दगी
पलकें सदा के लिए मूंद ली जिन्दगी
कर सफ़र जीवन का खत्म
विदा हो गयी जिन्दगी
विदा हो गयी जिन्दगी
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