RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Friday, June 3, 2011
जीवन खुशबू
जन्म से होती है जिन्दगी की आगाज
उत्तार चढ़ाव से भरा होता है जीवन काल
मौत बना लेती है जीवन को ग्रास
पर कहती है नियति
आत्मा में रहती है
जीवन खुशबू विधमान
महकती रहती है जो
इंतकाल के भी बाद
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