POEMS BY MANOJ KAYAL
डगर डगर नगर नगर
पनघट पनघट फैली खबर
मीरा हो बाबरी
रटत फिरत है
ले श्याम का नाम
श्याम कहे मत भटक बाबरी
हम तो तेरे ह्रदय ही विराजमान
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