POEMS BY MANOJ KAYAL
सुन्दर नाजुक कोमल तन
प्यार भरा मीठा मन
कमसिन जिन्दगी भोलापन
खिलता यौवन मुस्कराता बचपन
तेरे इस हसीन वर्णन में
झलक रहा मेरा समर्पण
करू तुझे मैं अर्पण
कह रहा मेरा मन
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