Saturday, April 23, 2011
बेटिया
माँ बाप के पास
कुछ पल की मेह्मा होती है
बेटिया तो बस अहसास होती है
छोटे से इस अंतराल में
रंगों से भरी खान होती है
बेटिया तो बस अहसास होती है
चहचाहट से जिसकी गूंजे आँगन
सपनों सी वो शहजादी होती है
बेटिया तो बस अहसास होती
माँ की ममता पिता की आन होती है
जिस घर जन्मे
उस घर की शान होती है
बेटिया तो बस अहसास होती है
रुला बाबुल को
एक दिन
प्रियतम की डोर थाम लेती है
बेटिया तो बस एक अहसास होती है
पर जिन्दगी में
वो सबसे खास होती है
बेटिया तो बस अहसास होती है
साज नया
गीत प्यार भरे गुनगुना है
तेरी नस नस में
सरगम बन बस जाना है
तेरी धडकनों को
अपने प्यार भरे संगीत से सजाना है
मैंने साज नया गाना है
हवा का झोंका
जो कही ठहरता नहीं
बांधे कोई डोर
मुझे रख सकती नहीं
रंग है मेरे अनेक
दामन मेरा कोई
थामेरख सकता नहीं
तेरी याद
याद तेरी दिल से जाती नहीं
ना जाने मुझको क्या हो गया
तुझसे आगे दुनिया नज़र आती नहीं
Friday, April 22, 2011
कृष्ण नाम संग
मगन हो गयी मीरा
मोहन नाम संग
छोड़ महलों को
थाम ली कृष्ण मुरारी की डगर
विषपान कर गयी
कर अपने गोपाल को स्मरण
अमर हो गयी मीरा
कृष्ण नाम संग
साँसों के साथ
हमको नींद से जगा दिया
ह़र पल अब बाँहों को है
तेरा ही इन्तजार
मेरी साँसे अटकी है
तेरी साँसों के साथ
आधार
कहा उन्होंने
गोल गोल करो ना बात
कहा हमने
गोल गोल कुछ भी नहीं
मेरा तो है बस यही
मीठे बोलो का अंदाज
बुरा अगर लगा हो तो
माफ़ करना मेरे यार
ओर अब तुम ही बतलाओ
क्या होना चाहिए
अपने रिश्ते का आधार
गहरे राज
गहरे राज
बुझ सको तो जानू यार
की तुम हो मेरा प्यार
वर्ना करना ना
तुम मेरा इन्तजार
तेरी महक
निगाहें कुछ ओर देखती नहीं
तेरे सिवा
ह़र आहट में तलाशे
तेरी ही खनक
ह़र फूलों में तलाशे
तेरी ही महक
ख़त की चासनी
मिठास कम रह गयी
भेजे मेरे पैगाम का जबाब
इसीलिए अब तलक आया नहीं
कोई बात नहीं
इस संदेश के बाद उतर ना आये
ऐसे भी हालत नहीं
बाँहों में
तेरे दिल में हु मेरे प्यार
ढूंढे नजरे तुझे मेरे यार
तेरी आँखों में छुपी है
मेरी तस्वीर मेरे प्यार
होटों पे सिर्फ तेरा ही नाम
ओ मेरे प्यार
लो चली आयी
तेरी बाँहों में मेरे प्यार
Thursday, April 21, 2011
नया गीत
गीत प्यार भरा गुनगुनाना है
तेरी नस नस में
सरगम बन बस जाना है
तेरी धडकनों को
अपने प्यार भरे संगीत से सजाना है
मैंने गीत नया गाना है
लेखन
फिर भी लिखने की कोशिश करता हु
दिल के भावार्थ को
शब्दों में पिरों
यादों के लिए रखता हु
ज्ञानी नहीं अज्ञानी हु
फिर भी लिखने की कोशिश करता हु
शर्माए दिल
ह़र फूलों में तेरा आकर
इतना मीठा तेरा साथ
पल पल शर्माए दिल
कर तुझको याद
Friday, April 15, 2011
जबाब
बहाने
मुलाकातों के अवसर अक्सर तलाशते है
बातों के लिए बहाने तलाशते है
इश्क में ना जाने
लोग क्या क्या गुल खिला जाते है
चाँद को भी
महबूब के आगे फीका बतला जाते है
Thursday, April 14, 2011
दिल का तार
मेरी कविताओं में छुपे है
मेरी जिन्दगी के राज
ए कवितायेँ है
मेरी सच्ची भावनाओ की आगाज
जिसने जान लिया इनका आधार
छू लिया उसने मेरे दिल का तार
जाने अनजाने
जाने अनजाने
पुराने जख्म दर्द दे जाते है
घाव जो
फिर हरे हो जाते है
दिल को चुभों जाते है
पर
आंसुओं के मरहम में
सारे दर्द घुल जाते है
साये में
खुली जुल्फों के साये में
बारिस का लुफ्त उठा रहे है
ह़र बूंदों में सपने नये बना रहे है
काली घटाओं के दरमियाँ
आशियाँ नया बना रहे है
खुली जुल्फों के साये में
बारिस का लुफ्त उठा रहे है
ठंडी फुहार
तुम जीवन में बारिस की
ठंडी फुहार बन आयी
मुरझाते चमन में
खुशियों की बाहर बन आयी
दिल की वादियों में
प्यार की सौगात बन आयी
तुम जीवन में बारिस की
ठंडी फुहार बन आयी
इजहार
तेरी कातिल नजरों ने
चल दी अपनी चाल
तेरी मुस्कराहट पे
दिल हो गया कुर्बान
संग दिल अब ना बनो यार
अब तो कर दो
प्यार का इजहार
बाबरी
डगर डगर नगर नगर
पनघट पनघट फैली खबर
मीरा हो बाबरी
रटत फिरत है
ले श्याम का नाम
श्याम कहे मत भटक बाबरी
हम तो तेरे ह्रदय ही विराजमान
आँखों से
हम बंद आँखों से
आप का दीदार करते है
दिल जो तस्वीर बना है
उस कल्पना को
कविता में पिरों कर
ह्रदय में बसा लेते है
Tuesday, April 12, 2011
वर्णन
सुन्दर नाजुक कोमल तन
प्यार भरा मीठा मन
कमसिन जिन्दगी भोलापन
खिलता यौवन मुस्कराता बचपन
तेरे इस हसीन वर्णन में
झलक रहा मेरा समर्पण
करू तुझे मैं अर्पण
कह रहा मेरा मन