RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Friday, March 4, 2011
वरदान
साया आप का नहीं आज साथ
पर दिल में है विधमान
आज भी आप ही की याद
हम चिरागों के दीये रोशन रहे सदा
आप की अनमोल यादों की परछाइयों के साथ
जन्म जन्मान्तर ऐसे ही बना रहे अपना साथ
देना आप ऐसा वरदान
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