POEMS BY MANOJ KAYAL
तेरे इश्क में ए इंसान बीमार है
भुला सब कुछ
तेरे हुस्न के नगमे गाने को बेताब है
तू जो हां कह दे तो
तेरी खिदमत को ए गुलाम त्यार है
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