POEMS BY MANOJ KAYAL
रंगों की बाहर आयी
होली की मस्ती छाई
फागुन की रंगीन वयार में
मस्त हो गयी दुनिया सारी
रंग बिरंगो से रंग गयी
धरती आकाश सारी
उड़ते गुलाल बजते चंग की धमाल में
मद मस्त हो रंग गयी दुनिया सारी
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