POEMS BY MANOJ KAYAL
मौजो की मस्ती से
साहिल के किनारे टूट जाते है
अश्को के सैलाब में
सारे गुम घुल जाते है
आंधी की मस्ती में
चमन के चमन उजड़ जाते है
प्यार के वयार में
नफरत के शोले दब जाते है
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