Friday, March 4, 2011

निंदिया

बोझिल तन करवटे बदले

पर निंदिया रानी पास ना फटके

अधखुली आँखे सोने को तरसे

पर निंदिया रानी पास ना फटके

सोने में खोने को आतुर रातें

पर निंदिया रानी पास ना फटके

गुजर गयी रात सारी

पर निंदिया रानी पास ना फटकी

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