RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Friday, March 4, 2011
किनारा
किनारा तुम से कर नहीं सकते
अहसास तुम्हारा भुला नहीं सकते
तुम मानो या ना मानो
सपने में भी हम
तुमसे इश्क लगाना छोड़ नहीं सकते
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