ह़र कदम जो उठ रहा है
एक नयी मंजिल की ओर बड़ रहा है
दिशाएं अब अनजानी नहीं
ह़र कदम कारवां नया बन रहा है
ह़र कदम जो उठ रहा है
एक नयी मंजिल की ओर बड़ रहा है
दिशाएं अब अनजानी नहीं
ह़र कदम कारवां नया बन रहा है
मेरे दर्द से तुने अगर नाता जोड़ा होता
खुदा तुने इंसा बनाया ना होता
पर तुने तो इंसा बनाये दर्द सहने को
इसीलिए मुझसे नाता कैसे जोड़ा होता
जिन्दगी ने ह़र निराश कर दिया
जब जरुरत पड़ी
तब अपनों ने भी दरकिनार कर लिया
जिस जैसे अच्छा लगा
उसने वैसा व्यवहार किया
किसीने जिन्दगी का चीरहरण किया
किसीने आबरू का वस्त्रहरण किया
जिन्दगी ने ह़र पल सिर्फ निराश किया
ज़िक्र जो तेरा चला
वक़्त कुछ पल को
थम सा गया जैसे
शांत धड़कने तेरे हुस्न के चर्चे
चुपचाप सुनती रही
मन ही मन तेरी तस्वीर बनाती रही
तेरे इश्क में जाने कैसे कैसे स्वांग रचाए
तरह तरह के रंग लगाए
तेरी आरजू को फिर भी
मुखोटे में छुपा ना पाये
नकाब सारे नाकाम हो गए
अफ़साने मोहब्बत सरेआम हो गए
तेरी दिलकश अदा दिल को भा गयी
तेरे नए नाम ने ना जाने कितने
दिलों पे छुरियां चला दी
तेरे हुस्न ने पानी में आग लगा दी
तेरी दिलकश अदा दिल को भा गयी
तेरे इश्क में ए इंसान बीमार है
भुला सब कुछ
तेरे हुस्न के नगमे गाने को बेताब है
तू जो हां कह दे तो
तेरी खिदमत को ए गुलाम त्यार है
इश्क अपना गुजरे ज़माने की बात हो गयी
सदिया गुजर गयी
पर कशीश की महक
दिल की वादियाँ खिला गयी
सोयी यादों को फिर से जगा गयी
ओ हो रंग गयो बृज होली के रंग में
आ गयी राधा खेलन होली किशन के संग में
मारी भर भर पिचकारी राधा के अंग पे
रंग गयी राधा श्याम रंग में
झूमे गोपिया नाचे मोरिये
उड़ा गुलाल अबीर राधा नाचे किशन के संग में
ओ हो रंग गयो बृज होली के रंग में
मौजो की मस्ती से
साहिल के किनारे टूट जाते है
अश्को के सैलाब में
सारे गुम घुल जाते है
आंधी की मस्ती में
चमन के चमन उजड़ जाते है
प्यार के वयार में
नफरत के शोले दब जाते है
रंगों की बाहर आयी
होली की मस्ती छाई
फागुन की रंगीन वयार में
मस्त हो गयी दुनिया सारी
रंग बिरंगो से रंग गयी
धरती आकाश सारी
उड़ते गुलाल बजते चंग की धमाल में
मद मस्त हो रंग गयी दुनिया सारी
आंसू बड़े अनमोल है
इन्हें यूँ ना जाया किया करो
ज़माने ने कब इनकी क़द्र जानी
वक़्त बेवक्त रो इनपे यूँ ना सितम ढाया करो