POEMS BY MANOJ KAYAL
तलाशा मैंने तुमको बहुत
हवों में तेरी खुशबू टटोली
सायों में तेरा अक्स तराशा
चन्दा निहारा
दर्पण निहारा
खुद में तेरा अक्स नज़र आया
बंद कर आँखे
दिल से पुकारा
मेरी धडकनों में
अहसास तेरा पाया
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