POEMS BY MANOJ KAYAL
चाँदनी रात में
चाँद तारों के साथ में
हाथों में हाथ थामे
में ए इजहार करू
ओ साथी तेरे प्यार को
में अंगीकार करू
प्रणय इस बेला
सिंदूर भर तेरी मांग संवारू
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