POEMS BY MANOJ KAYAL
यू लगे सूरज को भी था तेरा ही इन्तजार
अब तलक था इसिलये काले बादलों के दरमियान
भेजा जो तुने प्यार भरा पैगाम
चमक उठा प्यार भरी मुस्कराहट के साथ
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