POEMS BY MANOJ KAYAL
बिजली चमके मेघा बरसे
काले बादल लाये घटाए संग सारी
गूंजे आसमां बहे पवन वेग सयानी
कहे मन क्यों ना इस मौसम में
दिल को करने दे अपनी मनमानी
खूब भींगे नाचे गाये
लुफ्त उठाये ढेर सारी
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