POEMS BY MANOJ KAYAL
पूर्ण नहीं हु
कुछ कमी है मुझ में
रब तुने भी आज जतला दिया
औरो की तरह हँस
दिल तुने भी दुखा दिया
विश्वास का आसरा था जो
तोड़ उसको , जिन्दगी को
आंसुओं के सैलाब में बहा दिया
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