POEMS BY MANOJ KAYAL
काले बादलों ने समां ऐसा बांधा
दिन में रात घिर आयी
मस्त पवन की लहरे
शीतल मोज़े ले आयी
ठिठुरन ऐसी बड़ी
लिहाफ की गर्माहट भी
कम नज़र आयी
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