POEMS BY MANOJ KAYAL
एकान्त समुद्र का किनारा
उफनती सागर की लहरों का शोर
भंग कर रही दिल के बोल
अथाह सागर की मौजा का सहारा
नीले पानी के खारे बोल
मन ढूंड रहा अपना छोर
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