Thursday, January 13, 2011

छोर

एकान्त समुद्र का किनारा

उफनती सागर की लहरों का शोर

भंग कर रही दिल के बोल

अथाह सागर की मौजा का सहारा

नीले पानी के खारे बोल

मन ढूंड रहा अपना छोर

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