POEMS BY MANOJ KAYAL
गए खफा हो तुम जबसे
साँसे रुकी हुई है तबसे
रुसवाई ने तेरी हमको रुला दिया
मोहब्बत क्या होती है
हमको बता दिया
अब ओर ना हमको रुलाओ यार
लौट आओ मेरे प्यार
मेरी साँसे कर रही है तेरा इन्तजार
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