POEMS BY MANOJ KAYAL
एक तुझ से ही पहचान है
बाकी सब गुमनाम है
नाज है अभिमान है
तुम पिता हम तेरी संतान है
ह़र जन्म जुड़ा रहे
एक दूजे से अपना नाम
छोटी सी रब से ये फ़रियाद है
बस एक तू ही पहचान है
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