POEMS BY MANOJ KAYAL
दीपों की रौशनी
पटाखों का शोर
घोल रही रिश्तों में
चीनी का घोल
ले आयी दिवाली फिर
मस्ती भरी उमंग
जगमग हुआ जहां
रोशन हुए दिल
रंग बी रंगी आतिशबाजी से
अम्बर हुआ रंगीन
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