Monday, November 1, 2010

नतमस्तक

समर्पण करूँ , अर्पण करूँ , तर्पण करूँ

हे रब तेरे आगे सर नतमस्तक करूँ

कुछ भी कहे दुनिया

सबसे पहले मात पिता की पूजा करूँ

अंश हूँ उनका

आज्ञा उनकी शिरोधार्य करूँ

बिमुख तुमसे हूँ नहीं

अहंकारी मुझको समझना नहीं

उनके रूप में ही तेरे दर्श पाऊ

समर्पण करूँ , अर्पण करूँ , तर्पण करूँ

हे रब तेरे आगे सर नतमस्तक करूँ

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