POEMS BY MANOJ KAYAL
कुछ खोया खोया से लगे
दिल अपना बेगाना सा लगे
चाहत की ये ताबीर है
एक नए रिश्ते की तामिल है
धड़क रहा जिया
फिर भी गुमसुम सी धड़कने सारी है
एक मीठी सी अहसास है
उमंगों की बारिस में दिल
प्यार के लिए बेकरार है
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