POEMS BY MANOJ KAYAL
जिक्र तेरा जो चला
महफ़िल में रौनक आ गयी
खामोश लबों पे भी
तेरी ही बात छा गयी
एक तेरे ही जिक्र से
बेजान महफ़िल में भी जान आ गयी
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