POEMS BY MANOJ KAYAL
सितम तेरे सारे सहते रहे
तेरी सलामती की दुआ फिर भी माँगते रहे
अश्को ने भी छोड़ दिया साथ
पर गुजरे लहमे याद कर मुस्कराते रहे
खत्म हो गयी जिंदगानी जलते जलते
पर साँसे बची है अब तलक
तेरे मिलन की आस लिए
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