Friday, November 26, 2010

सौदागर

खाब्बों का सौदागर हूँ

खाब्ब सजाता हूँ

सपनों की रंगीन दुनिया में

हसीन महफ़िल सजाता हूँ

ह़र दिलों के राज को

खाब्ब बना आँखों में सजाता हूँ

जिसके जिक्र से दिल खिल उठे

ह़र उस खाब्ब को हकीकत बनाता हूँ

खाब्बों का सौदागर हूँ

खाब्ब सजाता हूँ

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