तन्हाई में घिरे
तन्हा अकेले बैठे रहे
मंथन विचारों का चलता रहा
खामोश लब गुमसुम से
दिल की धड़कने गिनते रहे
अकेलेपन की तन्हाई में
क्यों गुम हो गयी जिन्दगी
जबाब इसका तलाशते रहे
तन्हाई में घिरे
तन्हा अकेले बैठे रहे
मंथन विचारों का चलता रहा
खामोश लब गुमसुम से
दिल की धड़कने गिनते रहे
अकेलेपन की तन्हाई में
क्यों गुम हो गयी जिन्दगी
जबाब इसका तलाशते रहे
बिक रही औरत मंडी में आज भी
कोई हवस की खातिर
कोई पैसे की खातिर
बस स्वरुप इसका बदल गया
नाम नया इसको मिल गया
कोठी के जिन्ने , तवायफ की कहानी
बात ए सदियों पुरानी
अब चर्चे रोज नए होते है
जिस्मफरोशी के इन खिलाडियों को
कॉल गर्ल कहते है
बज रहे है ढोल
मच रहा है शोर
चुपके से आया कोई चोर
चुरा ले गया शहजादी का नूर
हो रही मुनादी
जिसने की है ए गुस्ताखी
शहजादी करेगी उससे शादी
चोर ने नहले पे दहला मारा
आधी रात शहजादी की मांग भर आया
देख इस दुह्साहस को
शहजादी का दिल उसपे आया
उससे अपने सपनों का राजकुमार बनाया
तेरी प्रेरणा से
ह़र शब्द छंद बन गया
स्वर मीठे रस से भरे बोल बन गए
कदम स्वत: ही
मंजिल की ओर चल दिए
दुनिया देखती ही रह गयी
ओर हम कामयाबी के शिखर पहुँच गए
चन्दा छू लू सूरज छू लू
छू लू धरती आकाश
छू ले जो तू इस दिल को
ना फिर छूऊं किसी ओर को
किसी भी सूरते हाल
जिक्र तेरा जो चला
महफ़िल में रौनक आ गयी
खामोश लबों पे भी
तेरी ही बात छा गयी
एक तेरे ही जिक्र से
बेजान महफ़िल में भी जान आ गयी
सरहदे दोस्ती को बाँध नहीं सकती
फासले कितने भी हो वतनों में
यारों के मिलन को रोक नहीं सकती
पैगाम है ये अमन का
दूरियां इसे मिटा नहीं सकती
खाब्बों का सौदागर हूँ
खाब्ब सजाता हूँ
सपनों की रंगीन दुनिया में
हसीन महफ़िल सजाता हूँ
ह़र दिलों के राज को
खाब्ब बना आँखों में सजाता हूँ
जिसके जिक्र से दिल खिल उठे
ह़र उस खाब्ब को हकीकत बनाता हूँ
खाब्बों का सौदागर हूँ
खाब्ब सजाता हूँ
एक तुझ से ही पहचान है
बाकी सब गुमनाम है
नाज है अभिमान है
तुम पिता हम तेरी संतान है
ह़र जन्म जुड़ा रहे
एक दूजे से अपना नाम
छोटी सी रब से ये फ़रियाद है
बस एक तू ही पहचान है
कुछ खोया खोया से लगे
दिल अपना बेगाना सा लगे
चाहत की ये ताबीर है
एक नए रिश्ते की तामिल है
धड़क रहा जिया
फिर भी गुमसुम सी धड़कने सारी है
एक मीठी सी अहसास है
उमंगों की बारिस में दिल
प्यार के लिए बेकरार है
तू डर नहीं निडर बन
आगे बड़ मुकाबला कर
ललकार उन दरिंदो को
जो खले अस्मत से नारी की
पल में सारे मर जायेंगे
तेरी क्रोध अग्नि में सारे भश्मासुर
भस्म हो जायेंगे
आओ ऐसा सुन्दर जहाँ बनाये
ह़र घर फैले उजिआरा
ऐसे सूरज की ह़र किरणे सजाये
आभा बिखरे जिससे
शीतल सुप्रकाश की
ओर जगमगा उठे जग सारा
जख्म तुने इतने दिए
इन्तहा सजा की हो गयी
अब तो दर्द भी दर्द ना रहा
इसकी तो आदत सी हो गयी
अब ना आंसू बचे
ना जीने की तमन्ना ही रही
जुल्म सहते सहते
जिन्दगी जिन्दा लाश हो गयी
समर्पण करूँ , अर्पण करूँ , तर्पण करूँ
हे रब तेरे आगे सर नतमस्तक करूँ
कुछ भी कहे दुनिया
सबसे पहले मात पिता की पूजा करूँ
अंश हूँ उनका
आज्ञा उनकी शिरोधार्य करूँ
बिमुख तुमसे हूँ नहीं
अहंकारी मुझको समझना नहीं
उनके रूप में ही तेरे दर्श पाऊ
समर्पण करूँ , अर्पण करूँ , तर्पण करूँ
हे रब तेरे आगे सर नतमस्तक करूँ
दीपों की रौशनी
पटाखों का शोर
घोल रही रिश्तों में
चीनी का घोल
ले आयी दिवाली फिर
मस्ती भरी उमंग
जगमग हुआ जहां
रोशन हुए दिल
रंग बी रंगी आतिशबाजी से
अम्बर हुआ रंगीन
सितम तेरे सारे सहते रहे
तेरी सलामती की दुआ फिर भी माँगते रहे
अश्को ने भी छोड़ दिया साथ
पर गुजरे लहमे याद कर मुस्कराते रहे
खत्म हो गयी जिंदगानी जलते जलते
पर साँसे बची है अब तलक
तेरे मिलन की आस लिए
तुम इस दिल की कविता बन गयी
रग रग में यूँ समां गयी
जुबा जब भी खुली
ह़र लफ्ज में तू ही तू नज़र आयी
इस कदर तेरी दीवानगी छाई
ह़र फूल में तू ही तू नज़र आयी
तेरी याद में
साँसे अगर छोड़ दे साथ
गुजारिश है हमारी छोटी सी फ़रियाद
कब्र पे हमारी जब भी आना
फूल जरुर साथ लाना
इंतकाल का बाद
कब्र अपनी हमारे पास बनवाना
वादा जन्म जन्म साथ निभाने का
मौत के बाद भी निभा जाना
आ तुझे इतना प्यार में करू
साँसे अपनी तेरे नाम करू
दरमियाँ रहे ना कोई फासले
बाहों में तुझको छुपालू
आँखों में कैद कर
दिल में तुझे बसा लू
आ तुझे इतना प्यार में करू