POEMS BY MANOJ KAYAL
बेजुबा होती है दिल की जुबा
आँखे बया करती है दिल का हाल
रोग है ऐसा
धड़कने देतीहै सिर्फ साथ
बिन कुछ कहे
तभी हो जाता है
आँखों ही आँखों में प्यार
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