POEMS BY MANOJ KAYAL
यादों से जिसकी शुरू हो दिन की शुरुआत
वो है यही दिल के आस पास
तभी नज़र आती है
मन मस्तिष्क को
अनजानी आकृति में भी
उनकी ही पहचान
अब तलक तरो ताजा है
उनकी परछाई की भी याद
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