जन्म लेना है वरदान
जिन्दा रहना है अभिशाप
नरक से बदतर है जिन्दगी
कीमत जिन्दा रहने की ऐसी
जो मरकर भी छोड़े ना साथ
घुट घुट रेंगती है जिन्दगी
बिन पानी जैसे मछली
तड़पती है जिन्दगी
ह़र पल कहीं ना कहीं
बिकती है जिन्दगी
जिन्दा रहने के लिए
क्या कुछ नहीं कराती है जिन्दगी
खुद से हार , बन गयी अभिशाप
ओर देह बन गयी एक जिन्दा लाश
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