जीवन सदैव ऋणी रहेगा आपका
पितृ स्नेह लुटाया ऐसा आपने
भर गयी झोली हमारी आपके प्यार से
पर बिन कहे ऐसे गये
खामोश हो गयी आवाज़ भी आपकी
तलाश रही है नजरे
आप की छावँ आज भी
छलछला आती है आँखे
जब भी आती है याद आपकी
बस एक बार वापस चले आओ
चाचा जिन्दगी को तलाश आज भी आपकी
No comments:
Post a Comment