RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Wednesday, August 4, 2010
भूले बिसरे
गुजरे पल याद आ गए
भूले बिसरे दोस्त याद आ गए
झाँका जो अतीत में
सारे बीते लहमे याद आ गए
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