POEMS BY MANOJ KAYAL
बड़ा ही मज़बूत है ये जोड़
तोड़ नहीं इसका कोई मेरे दोस्त
ये है सच्चे बंधन की डोर
काट नहीं इसका कोय
कहते है इसे दिल से दिल का जोड़
मेरी तेरी यारी का जोड़
No comments:
Post a Comment