Wednesday, August 4, 2010

फकीर

फकीर हूँ मैं तो

पूछो ना कोई मुझसे मेरी जात

हिन्दू भी मैं हु

मुसल्मा भी मैं हु

कोई भेद नहीं मजहब का दिल में मेरे

ह़र धर्म में दिखे मुझे , अल्लाह कहो या राम

मेरे लिए ह़र धर्म एक समान

No comments:

Post a Comment