POEMS BY MANOJ KAYAL
जज्बातों का सागर उमड़ पड़ा
नयनों से सावन छलक पड़ा
रुसवा उन्होंने जो हमको किया
तन्हा हमें छोड़ दिया
खत्म मानो जिन्दगी हो गयी
जिनसे की मोहब्बत
बेवफाई से उनकी दिल टूट गया
No comments:
Post a Comment