RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Saturday, June 26, 2010
तारीफ़
तारीफ़ में जिनकी कसीदे पढ़
ता उम्र गुजार दी
पर वो मेहरबान ना हुए
जिनके इन्तजार में जिन्दगी गुजार दी
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