POEMS BY MANOJ KAYAL
क्यों ना ऐसा करे
आओ हम तुम मिल चिठ्ठी लिखे
बात जो कह नहीं सके
ख़त के जरिये , शब्दों में वया करे
खोल दे दिलों के राज
सुनके एक दूजे के दिलों का हाल
क्या पता बन जाये अपनी भी बात
जुड़ जाये अपने भी दिलों के तार
थामे एक दूजे का हाथ
कर दे मोहब्बत का ऐलान
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