POEMS BY MANOJ KAYAL
पास हो तो आस है
वर्ना क्या
अपना दिल अपने पास है
पर इसको भी किसीकी तलाश है
जो समझे इसकी आवाज़
बस उसका ही इन्तजार है
खट्टा मीठा अनुभव इसके पास है
जब तक धड़कन दिल के पास है
तब तलक आस है
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