RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Monday, June 14, 2010
कदम
संभल संभल के रखो कदम
फिसल ना जाये कहीं कदम
डगर है कठिन जिन्दगी की मगर
कदम रखो सही राह पर अगर
होगी मंजिल कदमों के करीब तब
यह है कामयाबी के क़दमों का मंत्र
इसलिए संभल संभल के रखो कदम
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