POEMS BY MANOJ KAYAL
सुनलो ओ जनाब
हम है लाज्जबाब
करना ना कोई गुस्ताखी आप
वर्ना खा जाओगे मात
हम है बादशाह
अपनी सल्तनत के
झुकते नहीं किसीके आगे
सिवा खुदा डरते नहीं किसी बला से
इसलिए ओ जनाब
रहना आप होशियार
नहीं तो हो जाओगे बर्बाद
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