POEMS BY MANOJ KAYAL
इजाजत अगर मिल गई होती इतनी सी
खता हमसे हुई नहीं होती कभी
जब जब की फ़रियाद
अनसुनी करदी आपने हर बार
मजबूर अगर आप थे
लाचार विवश हम भी थे
सिर्फ़ एक बार जो कह दिया होता
गुनाह हमसे आज ना होता
बात जो थी ख़ास
वो ना बनती आम
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