POEMS BY MANOJ KAYAL
कल्पना को अगर लग जाये पंख
टूटने लग जाये ह़र तिल्सिम का रहस्य
इस आंधी में
डूबने लग जाये जब मन
कल्पना लोक में ही
विचरण करने लगे तब मन
क्योंकि इसमें ही है
रोमांच के साथ मनोरंजान का आनन्द
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