POEMS BY MANOJ KAYAL
आज दिल बचपन में लौट जाने को मचल रहा है
खोई यादे समेटने को आतुर हो रहा है
वक्त जो पीछे छुट गया
उससे मिलने व्याकुल हो रहा है
मन आज पीछे छूटे बचपन से
नाता जोड़ने की कोशिश कर रहा है
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