POEMS BY MANOJ KAYAL
दोस्ती कुछ पल की थी
जिन्दगी उसी पल में थी
कशीश बड़ी प्यारी थी
एक दूजे के लिए
चाहत बड़ी निराली थी
पर बात भड़ी ना थी
चाहत जाहिर हो ना सकी थी
ओर दोस्ती रिश्ते में बदल ना सकी थी
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